Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Breaking News:

latest

Breaking News

latest

चाणक्य की चित्र

                                 चाणक्य की चित्र   Quote 231: मछेरा जल में प्रवेश करके ही कुछ पाता है। Quote 231: राजा अपने बल-विक्रम से ...

                                 चाणक्य की चित्र

 

Quote 231: मछेरा जल में प्रवेश करके ही कुछ पाता है।

Quote 231: राजा अपने बल-विक्रम से धनी होता है।

Quote 233: शत्रु भी उत्साही व्यक्ति के वश में हो जाता है।

Quote 234: उत्साहहीन व्यक्ति का भाग्य भी अंधकारमय हो जाता है।

Quote 235: पाप कर्म करने वाले को क्रोध और भय की चिंता नहीं होती।

Quote 236: अविश्वसनीय लोगों पर विश्वास नहीं करना चाहिए।

Quote 237: विष प्रत्येक स्तिथि में विष ही रहता है।

Quote 238: कार्य करते समय शत्रु का साथ नहीं करना चाहिए।

Quote 239: राजा की भलाई के लिए ही नीच का साथ करना चाहिए।

Quote 240: संबंधों का आधार उद्देश्य की पूर्ति के लिए होता है।

Quote 241: शत्रु का पुत्र यदि मित्र है तो उसकी रक्षा करनी चाहिए।

Quote 242: शत्रु के छिद्र (दुर्बलता) पर ही प्रहार करना चाहिए।

Quote 243: अपनी कमजोरी का प्रकाशन न करें।

Quote 244: एक अंग का दोष भी पुरुष को दुखी करता है।

Quote 245: शत्रु छिद्र (कमजोरी) पर ही प्रहार करते है।

Quote 246: हाथ में आए शत्रु पर कभी विश्वास न करें।

Quote 247: स्वजनों की बुरी आदतों का समाधान करना चाहिए।

Quote 248: स्वजनों के अपमान से मनस्वी दुःखी होते है।

Quote 249: सदाचार से शत्रु पर विजय प्राप्त की जा सकती है।

Quote 250: विकृतिप्रिय लोग नीचता का व्यवहार करते है।
 

No comments