चाणक्य नीति हिंदी पीडीऍफ़ में डाउ नलोड करें Quote 251: नीच व्यक्ति को उपदेश देना ठीक नहीं। Quote 252: नीच लोगों पर... चाणक्य नीति हिंदी पीडीऍफ़ में डाउनलोड करें Quote 251: नीच व्यक्ति को उपदेश देना ठीक नहीं। Quote 252: नीच लोगों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। Quote 253: भली प्रकार से पूजने पर भी दुर्जन पीड़ा पहुंचाता है। Quote 254: कभी भी पुरुषार्थी का अपमान नहीं करना चाहिए। Quote 255: क्षमाशील पुरुष को कभी दुःखी न करें। Quote 256: क्षमा करने योग्य पुरुष को दुःखी न करें। Quote 257: स्वामी द्वारा एकांत में कहे गए गुप्त रहस्यों को मुर्ख व्यक्ति प्रकट कर देते हैं। Quote 258: अनुराग अर्थात प्रेम फल अथवा परिणाम से ज्ञात होता है। Quote 259: ज्ञान ऐश्वर्य का फल है। Quote 260: मुर्ख व्यक्ति दान देने में दुःख का अनुभव करता है। Quote 261: विवेकहीन व्यक्ति महान ऐश्वर्य पाने के बाद भी नष्ट हो जाते है। Quote 262: धैर्यवान व्यक्ति अपने धैर्ये से रोगों को भी जीत लेता है। Quote 263: गुणवान क्षुद्रता को त्याग देता है। Quote 264: कमजोर शरीर में बढ़ने वाले रोग की उपेक्षा न करें। Quote 265: शराबी के हाथ में थमें दूध को भी शराब ही समझा जाता है। Quote 266: यदि न खाने योग्य भोजन से पेट में बदहजमी हो जाए तो ऐसा भोजन कभी नहीं करना चाहिए। Quote 267: आवश्यकतानुसार कम भोजन करना ही स्वास्थ्य प्रदान करता है। Quote 268: खाने योग्य भी अपथ्य होने पर नहीं खाना चाहिए। Quote 269: दुष्ट के साथ नहीं रहना चाहिए। Quote 270: जब कार्यों की अधिकता हो, तब उस कार्य को पहले करें, जिससे अधिक फल प्राप्त होता है। Quote 271: अजीर्ण की स्थिति में भोजन दुःख पहुंचाता है। Quote 272:रोग शत्रु से भी बड़ा है। Quote 273: सामर्थ्य के अनुसार ही दान दें। Quote 274: चालाक और लोभी बेकार में घनिष्ठता को बढ़ाते है। Quote 275: लोभ बुद्धि पर छा जाता है, अर्थात बुद्धि को नष्ट कर देता है। Quote 276: अपने तथा अन्य लोगों के बिगड़े कार्यों का स्वयं निरिक्षण करना चाहिए। Quote 277: मूर्खों में साहस होता ही है। (यहाँ साहस का तात्पर्ये चोरी-चकारी, लूट-पाट, हत्या आदि से है ) Quote 278: मूर्खों से विवाद नहीं करना चाहिए। Quote 279: मुर्ख से मूर्खों जैसी ही भाषा बोलें। Quote 280: मुर्ख का कोई मित्र नहीं है। Quote 281: धर्म के समान कोई मित्र नहीं है। Quote 282: धर्म ही लोक को धारण करता है। Quote 283: प्रेत भी धर्म-अधर्म का पालन करते है। Quote 284: दया धरम की जन्मभूमि है। Quote 285: धर्म का आधार ही सत्य और दान है। Quote 286: धर्म के द्वारा ही लोक विजय होती है। Quote 287: मृत्यु भी धरम पर चलने वाले व्यक्ति की रक्षा करती है। Quote 288: जहाँ पाप होता है, वहां धर्म का अपमान होता है। Quote 289: लोक-व्यवहार में कुशल व्यक्ति ही बुद्धिमान है। Quote 290: सज्जन को बुरा आचरण नहीं करना चाहिए। Quote 291: विनाश का उपस्थित होना सहज प्रकर्ति से ही जाना जा सकता है। Quote 292: अधर्म बुद्धि से आत्मविनाश की सुचना मिलती है। Quote 293: चुगलखोर व्यक्ति के सम्मुख कभी गोपनीय रहस्य न खोलें। Quote 294: राजा के सेवकों का कठोर होना अधर्म माना जाता है। Quote 295: दूसरों की रहस्यमयी बातों को नहीं सुनना चाहिए। Quote 296: स्वजनों की सीमा का अतिक्रमण न करें। Quote 297: पराया व्यक्ति यदि हितैषी हो तो वह भाई है। Quote 298: उदासीन होकर शत्रु की उपेक्षा न करें। Quote 299: अल्प व्यसन भी दुःख देने वाला होता है। Quote 300: स्वयं को अमर मानकर धन का संग्रह करें।
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