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शंख के SPECIAL BENEFITS जानेंगे तो आप भी मानेंगे ये है चमत्कार है

हिंदू धर्म में कई प्रकार के धार्मिक तौर-तरीके और परंपराएं हैं। जिनका हमारे जीवन में गहरा महत्व है। ऐसे सभी कर्मों के पीछे धार्मिक महत्व के स...



हिंदू धर्म में कई प्रकार के धार्मिक तौर-तरीके और परंपराएं हैं। जिनका हमारे जीवन में गहरा महत्व है। ऐसे सभी कर्मों के पीछे धार्मिक महत्व के साथ ही वैज्ञानिक महत्व भी है।
प्राचीन परंपराएं हमारे स्वास्थ्य को अच्छा रखने के उद्देश्य से बनाई गई हैं। ऐसी ही एक परंपरा है शंख बजाना। जानिए शंख बजाने से हमें क्या-क्या लाभ मिलते हैं...

हमारे यहां मंदिरों में सुबह और शाम के समय आरती में शंखनाद किया जाता है यानी शंख बजाया जाता है। इसका अपना धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है। धर्मग्रंथों के अनुसार शंखनाद शुभ होता है। इसीलिए पूजा-पाठ के अलावा विवाह, विजय के उत्सव, राज्याभिषेक, हवन और किसी के आगमन के समय आमतौर पर शंख बजाया जाता है।

शंख बजाने में हमारी सेहत का राज भी छिपा है। शंखनाद से हम स्वस्थ रहते हैं। कई रोगों के कीटाणु भी दूर हो जाते हैं। प्राचीनकाल में युद्ध का आरंभ और समाप्ति शंखनाद से ही होती थी। ऐसा कहते हैं कि इसकी ध्वनि दुश्मनों को कमजोर करती है। शास्त्रों में शंखनाद का महत्व इस प्रकार है-
यस्य शंखध्वनिं कुर्यात्पूजाकाले विशेषत:।
वियुक्त: सर्वपापेन विष्णुना सह मोदते॥ (रणवीरभक्ति रत्नाकर)
अर्थात- पूजा के समय जो व्यक्ति शंख ध्वनि करता है, उसके सभी पाप यानी दु:ख दूर होते हैं। वह व्यक्ति भगवान विष्णु के साथ आनंद पाता है।

शंखनाद में प्रदूषण को दूर करने की अद्भुत क्षमता होती है। एक वैज्ञानिक खोज के अनुसार शंख की आवाज जहां तक जाती है, वहां तक कई रोगों के कीटाणु ध्वनि स्पंदन से या तो खत्म हो जाते हैं या फिर वे निष्क्रिय हो जाते हैं। रोजाना सुबह-शाम शंख बजाने से वायुमंडल कीटाणुओं से मुक्त हो जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सूर्य की किरणें ध्वनि की तरंगों में बाधक होती हैं। इसीलिए सुबह-शाम शंख बजाने की परंपरा है।

शंख की ध्वनि कई रोगों में लाभदायक है। शंख की ध्वनि लगातार सुनना हृदय रोगियों के लिए लाभदायक है। कारण इससे हृदयाघात नहीं होता। शंखनाद पर हुए कई शोधों का यह निष्कर्ष निकाला कि इसकी तरंगें बैक्टेरिया नष्ट करने के लिए एक तरह से श्रेष्ठ व सस्ती औषधि है। इससे हैजा, मलेरिया के कीटाणु भी नष्टï होते हैं। शंख ध्वनि से हमारे भीतर रोगनाशक शक्ति उत्पन्न होती है। मानसिक तनाव (मेंटल टेंशन), ब्लडप्रेशर, मधुमेह, नाक, कान व पाचन संस्थान के रोग होने की आशंका दूर हो जाती है।

पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों के बाद शंख में भरा जल श्रद्धालुओं पर छिड़का जाता है और उसे पीते भी हैं। इसमें कीटाणुनाशक शक्ति तो होती ही है, साथ ही इसमें गंधक, फास्फोरस और कैल्शियम होता है। इन तत्वों के कुछ अंश जल में भी आ जाते हैं। इसलिए शंख का जल सेहत के लिए फायदेमंद हो जाता है। अत: शंख-जल छिड़कने या पीने से शरीर के कई रोग दूर हो जाते हैं।

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