ऐश्वर्य और सौंदर् य की रेखाएं कर्म यज्ञ के जीवन से स्वप्नों का स्वर्ग मिलेगा या यूं कहें कि मेहनत से जीवन सौंदर्...
ऐश्वर्य और सौंदर्य की रेखाएं
कर्म यज्ञ के जीवन से स्वप्नों का स्वर्ग मिलेगा या यूं कहें कि मेहनत से
जीवन सौंदर्य और ऐश्वर्य से भर जाएगा। हर कोई इन बातों को सुनता है समझता
है तथा अपनी शक्ति अनुसार मेहनत करके कर्म करके जीवन को सुंदर बनाना चाहता
है। आज जो चर्चित प्रसिद्ध व्यक्ति हैं उन्हें आखिरकार यह सौंदर्य, यह
ऐश्वर्य कड़ी मेहनत और लगन के फलस्वरूप ही प्राप्त हुआ है। महाकवि तुलसीदास
ने महाकाव्य रामचरित मानस में स्पष्ट लिखा है- सकल पदारथ है जग माही।
कर्महीन नर पावत नाही।। हम इतिहास पर नजर डालें तो पाएंगे कि अनेक ऐसे
व्यक्ति हैं जिनका नाम सुनते ही ऐश्वर्य और सौंदर्य के प्रतिमान मन में छा
जाते हैं। वर्तमान सिने स्टार अमिताभ बच्चन हां या क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर
हों या फिर उद्योगपति अनिल अंबानी हों इन सभी ने भी अपने सौंदर्य और
ऐश्वर्य को दुनिया के सामने रख कर बता दिया है कि जीवन बिना सौंदर्य और
ऐश्वर्य के अधूरा है। आज उदारीकरण के इस दौर में इन लोगों ने जीवन की या
कर्म की ऐसी व्याख्या की है जो औरों के लिए एक प्रेरणास्रोत का कार्य कर
सकती है। आज ये है तो कल और लोग प्रसिद्धि के पटल पर अपना नाम अंकित
करेंगे। इस प्रकार ये कहा जा सकता है कि जीवन हमेशा किसी न किसी उद्यमी या
मेहनती आदमी के माध्यम से अपने सौंदर्य या ऐश्वर्य को व्यक्त करता ही है।
जीवन और धन के ऐसे संबंध को शाश्वत संबंध भी कहा जा सकता है। इस संबंध की
महिमा के लिए एक और महत्वपूर्ण बात कही जा सकती है वह यह कि अगर जीवन में
दरिद्रता है तो वह पाप है और अगर उसमें ऐश्वर्य और सौंदर्य है तो वह पुण्य
है। इन तमाम बातों पर नजर डालने के बाद अब हम देखें कि दुनिया में कई
व्यक्ति ऐसे होते हैं जिनके मन में ऐश्वर्य को पाने की अथाह चाह होती है
इसके लिए वे घोर मेहनत करते हैं। या यूं कहें कि उनकी रगों में मेहनत
कूट-कूट कर भरी होती है। वहीं कुछ व्यक्ति आलसी और कामचोर भी होते हैं।
व्यक्ति में ऐसी भिन्नता का कारण उसका अपना भाग्य या जीवन क्रम हो सकता है।
आलसी व्यक्तियों के बारे में यही कहा जा सकता है कि इस जन्म में नहीं तो
अगले जन्म में उन्हें मेहनत करके सौंदर्य को पाना ही होगा क्योंकि सौंदर्य
के बाद ही मुक्ति का दरवाजा खुलता है।
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