हा थ की मु ख्य रेखाएं - 2 हस्तरेखा शास्त्र में हथेली की रेखाओं का विशेष महत्व है। इसमे सम्मलित ...
हाथ की मुख्य रेखाएं - 2
हस्तरेखा
शास्त्र में हथेली की रेखाओं का विशेष महत्व है। इसमे सम्मलित लक्षण जैसे
क्रास, सितारे, वर्गों और अर्धचन्द्राकार का अध्ययन हथेली द्वारा किया जाता
है। यह रेखाएं व्यक्ति का भविष्य, शुभ संकेत और अशुभ संकेत दर्शाती हैं।
इन संकेतो का निर्माण व्यक्ति के विचार और कर्मों पर भी निर्भर होता है। यह
रेखाएं अपने नाम के अनुसार परिणाम देती हैं। हस्तरेखाविद् द्वारा
हस्तरेखाएं जो विश्व भर मे प्रचलित है उनका विवरण नीचे किया जा रहा है
मस्तिष्क रेखा |
मस्तिष्क
रेखा का आरंभ तर्जनी उंगली के नीचे से होता हुआ हथेली के दूसरे तरफ जाता
है जब तक उसका अंत न हो । ज्यादातर, यह रेखा जीवन रेखा के आरंभिक बिन्दु
को स्पर्श करती है। यह रेखा व्यक्ति के मानसिक स्तर और बुद्धि के विश्लेषण
को, सीखने की विशिष्ट विधा, संचार शैली और विभिन्न क्षेत्रों के विषय मे
जानने की इच्छा को दर्शाती है।
हृदय रेखा |
हृदय रेखा का
उद्गम कनिष्ठा उंगली के नीचे से हथेली को पार करता हुआ तर्जनी उंगली के
नीचे समाप्त होता है। यह हथेली के उपरी हिस्से में उंगलियों के ठीक नीचे
होती है। यह हृदय के प्राकृतिक और मनोवैज्ञानिक स्तर को दर्शाती है। यह
रोमांस कि भावनाओं, मनोवैज्ञानिक सहनशक्ति, भावनात्मक स्थिरता और अवसाद की
संभावनाओं का विश्लेषण करने के साथ ही साथ हृदय संबंधित विभिन्न पहलुओं की
भी व्याख्या करती है।
जीवन रेखा |
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