करधनी रेखा क्षैतिज रेखाएं कनिष्ठा के बिल्कुल नीचे और हृदय रेखा के ऊपर स्थित विवाह रेखाएं कहलाती ह...
करधनी रेखा
क्षैतिज
रेखाएं कनिष्ठा के बिल्कुल नीचे और हृदय रेखा के ऊपर स्थित विवाह रेखाएं
कहलाती है। यह रेखाएं रिश्तों में आत्मीयता, वैवाहिक जीवन में खुशी,
वैवाहिक दंपती के बीच प्रेम और स्नेह के अस्तित्व को दर्शाता है। विवाह
रेखा का विश्लेषण करते समय शुक्र पर्वत और हृदय रेखा को भी ध्यान मे रखना
चाहिये।
करधनी रेखाएं |
करधनी रेखा का आरंभ अर्धवृत्त आकार में
कनिष्ठा और अनामिका उंगली के मध्य में और अंत मध्यमा उंगली और तर्जनी पर
होता है। इसे गर्डल रेखा या शुक्र का गर्डल भी कहते हैं। यह व्यक्ति को अति
संवेदनशील और उग्र बनाती है। जिन व्यक्तियों मे गर्डल या शुक्र रेखा पाई
जाती है वह व्यक्ति की दोहरी मानसिकता को दर्शाता है।
सिमीयन रेखा |
जो
रेखा हृदय रेखा और मस्तिष्क रेखा को गठित करती है। सिमीयन रेखा, सिमीयन
फोल्ड, सिमीयन क्रीज और ट्रांस्वर्स पाल्मर क्रीज़ के रुप में भी जानी जाती
है। यह एक दुर्लभ रेखा है, मस्तिष्क और हृदय के संयोजन का प्रतिनिधित्व
करती है। यह सिमीयन रेखा व्यक्ति मे मानसिक धैर्य और संवेदनशीलता को
दर्शाती है।
स्वास्थ्य
रेखा को बुध रेखा के रूप में भी जाना जाता है । यह कनिष्ठा के नीचे बुध
पर्वत से आरंभ हो कर कलाई तक जाती है। इस रेखा द्वारा लाइलाज बीमारी को
जाना जा सकता है। इसके द्वारा व्यक्ति के सामान्य स्वास्थ्य की भी जानकारी
मिलती है।
यात्रा रेखाएँ |
ये क्षैतिज रेखाएं कलाई और हृदय
रेखा के बीच हथेली के विस्तार पर स्थित है। यह रेखाएं व्यक्ति की यात्रा की
अवधि की व्याख्या, यात्रा में बाधाओं और सफलता का सामना तथा यात्रा मे
व्यक्ति के स्वास्थ्य की दशा को भी दर्शाती है।
विवाह रेखा |
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